उच्चाधिकारियों के संरक्षण में APM की अनियमितताएं: मोबाइल मेडिकल यूनिट में जिम्मेदारियों की अनदेखी और जनता का नुकसान
जांजगीर चाम्पा – “जब सैंया भाई कोतवाल तो काहे का डर” यह कहावत उन स्थितियों पर पूरी तरह फिट बैठती है, जहां कोई व्यक्ति जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करता है क्योंकि उसे उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। जांजगीर-चाम्पा जिले में मोबाइल मेडिकल यूनिट के एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर की स्थिति
मोबाइल मेडिकल यूनिट में एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर की लापरवाही से स्वास्थ्य सुविधाएं बाधित, अधिकारियों की अनदेखी पर सवाल
जांजगीर चाम्पा – जिले में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर अमित गौरहा की लापरवाही और गैरमौजूदगी ने न केवल इस योजना की सफलता पर बुरा असर डाला है, बल्कि स्लम क्षेत्र के निवासियों को मिलने वाली निःशुल्क स्वास्थ्य