समीर अवस्थी
खजुराहो
विश्वप्रसिद्ध चंदेलकालीन मंदिरों के बीच एक ऐसा अद्भुत और रहस्यमयी धाम स्थित है, जिसे दूल्हा देव मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव विशेष रूप में स्वयं उपस्थित होकर दूल्हों को आशीर्वाद देते हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार बिना इस मंदिर में दर्शन किए कोई भी बारात शुभ नहीं मानी जाती।

सदियों पुराने इस शिवालय की नक्काशी इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्ता की प्रतीक है। मंदिर की दीवारों पर उकेरे गए अद्भुत शिल्प इसकी सांस्कृतिक विरासत को और अधिक जीवंत बनाते हैं। गर्भगृह में स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए प्रतिदिन भक्तों का तांता लगा रहता है।

लोक परंपरा कहती है कि बारात लेकर निकलने से पहले दूल्हा यहां पहुंचकर भगवान शिव से आशीर्वाद लेता है। मान्यता है कि दूल्हा देव के आशीर्वाद से वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। लोगों का विश्वास है कि इस शिवलिंग की एक परिक्रमा करने से हजार परिक्रमाओं के बराबर पुण्य फल मिलता है।

आस्था और परंपरा के इस अद्भुत संगम ने दूल्हा देव मंदिर को खजुराहो की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर में विशेष स्थान प्रदान किया है। आज भी यहां विश्वास और भक्ति की वही भावना जीवंत है, जिसने इस मंदिर को लोक श्रद्धा का केंद्र बना दिया है।

