विजय सिंह
बलरामपुर
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज बलरामपुर के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर ने राज्य एवं केंद्र सरकार के शीर्ष पदाधिकारियों को पत्र लिखकर वर्ष 2012-13 में छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, रायपुर में हुई कथित अनियमित भर्ती पर गम्भीर सवाल उठाए हैं। अध्यक्ष ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय एवं निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जिला अध्यक्ष द्वारा भेजे गए विस्तृत पत्र में आरोप लगाया गया है कि निगम में क्षेत्राधिकारी, मुख्य अनुदेशक, अंकेक्षक एवं सहायक ग्रेड-3 के पदों पर हुई नियुक्तियां नियमों के विपरीत, वित्त विभाग की अनुमति के बिना तथा विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से की गईं।
वहीं अध्यक्ष ने कहां की सहकारिता के अंतर्गत संचालित निगम में 2012-13 में हुई भर्ती प्रक्रिया वित्त विभाग की अनुमति के बिना संचालित की गई।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा जारी वर्ष 2006 के आदेश में केवल पदोन्नति के बाद शेष रिक्त पद भरने की बात कही गई थी, जिसके बावजूद संबंधित अधिकारियों ने इसे सीधी भर्ती की अनुमति मानकर विज्ञापन जारी कर दिया।
विभागीय नियमों के अनुसार क्षेत्राधिकारी के 40% पदों पर पदोन्नति आवश्यक थी, परंतु पदोन्नति प्रक्रिया को दरकिनार कर सीधे भर्ती की गई।
जारी विज्ञापन एवं स्वीकृत सेटअप में पदों की संख्या में विसंगतियां, नियुक्ति आदेशों में पदनामों में अनाधिकृत बदलाव, तथा पदोन्नति में सेटअप के विरुद्ध निर्णय लेने के आरोप लगाए गए हैं।
आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने अपने प्रभाव का उपयोग कर मनमानी नियुक्तियां, सेटअप परिवर्तन, और वरिष्ठता से खिलवाड़ करते हुए कई कर्मचारियों का हक छीना।
भारी आर्थिक नुकसान का भी दावा
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि कथित अनियमित प्रक्रिया के कारण शासन को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। अध्यक्ष ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ प्रभावित कर्मचारियों की वरिष्ठता बहाली की मांग भी उठाई है।
इन अधिकारियों को भेजा गया पत्र
पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संबंधित मंत्री, मुख्य सचिव, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग एवं CBI सहित 10 प्रमुख पदाधिकारियों को भेजा गया है।
जिला अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और पारदर्शी जांच ही सत्य सामने ला सकती है। उन्होंने शासन से आग्रह किया है कि निगम में हुई कथित अनियमितताओं की विस्तृत पड़ताल कर जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
