न्यूज डेस्क रायपुर :- जांजगीर-चांपा जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र एक बार फिर पत्रकारों पर हमले की घटनाओं को लेकर सुर्खियों में है। क्षेत्र में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बीते कुछ महीनों में जहां करही गांव में एक पत्रकार की हत्या ने पूरे जिले को झकझोर दिया था, वहीं करनौद में रेत माफिया द्वारा पत्रकार के साथ मारपीट के बाद अब ग्राम बिर्रा में खबर कवरेज करने पहुंचे द वाय डब्लू एन न्यूज के पत्रकार पर झोलाछाप डॉक्टर और उसके साथियों द्वारा बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है।

अवैध क्लिनिक की खबर कवरेज करने गए थे पत्रकार
जानकारी के अनुसार, गुरुवार की शाम पत्रकार बिर्रा थाना क्षेत्र के झोलाछाप पटेल डॉक्टर के क्लिनिक पहुंचे थे, जहां पूर्व में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए क्लिनिक को सील किया था। बताया जा रहा है कि आरोपी डॉक्टर ने नियमों को ताक पर रखते हुए दोबारा से अवैध रूप से क्लिनिक शुरू कर दिया था। इसी सूचना पर जब पत्रकार वहां पहुंचे और कवरेज शुरू की, तभी झोलाछाप डॉक्टर भड़क उठा।देखते ही देखते आरोपी डॉक्टर ने पत्रकार को कमरे के भीतर बंधक बना लिया और अपने सहयोगियों को बुलाकर जमकर मारपीट की। इस दौरान पत्रकार ने किसी तरह अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन हमलावरों ने मोबाइल और कैमरा छीनने की भी कोशिश की।
एसपी के हस्तक्षेप पर बची पत्रकार की जान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना की सूचना किसी तरह वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची। जब मामला पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचा, तो उन्होंने तत्काल बिर्रा थाना प्रभारी को निर्देश जारी किया।इसके बाद थाने से पुलिस स्टाफ मौके पर पहुंचा और पत्रकार को झोलाछाप डॉक्टर के कब्जे से छुड़ाया गया। पुलिस इस पूरी कार्रवाई की प्रत्यक्ष साक्षी मानी जा रही है।

पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले से दहशत
बिर्रा थाना क्षेत्र में यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ महीने पहले ग्राम करही में रेत कारोबार से जुड़ी खबर कवरेज करने गए पत्रकार की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। वहीं करनौद गांव में भी रेत से संबंधित खबर को लेकर एक अन्य पत्रकार से मारपीट की गई थी। अब एक और पत्रकार पर हमला होने से पूरे क्षेत्र के पत्रकारों में आक्रोश और दहशत का माहौल है।
पत्रकार बोले — बिर्रा थाना क्षेत्र पत्रकारों के लिए बन गया असुरक्षित जोन
वही पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि बिर्रा थाना क्षेत्र पत्रकारों के लिए अब असुरक्षित हो चुका है। पिछले कुछ महीनों में हुई घटनाओं के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई न किए जाने से असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं।इस घटना के बाद पत्रकार संगठनों ने कड़ा विरोध जताते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर हमले लोकतंत्र की आवाज़ को कुचलने की कोशिश हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही लगातार तीन बड़ी घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि बिर्रा थाना क्षेत्र में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम न उठाए गए तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं। जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी होगी, वरना बिर्रा पत्रकारों के लिए “खतरनाक ज़ोन” बनकर रह जाएगा।
