जांजगीर-चांपा @hemant-jaiswal:- जिले की जीवनदायिनी नदी महानदी में पानी की धार कम होते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। बिर्रा थाना क्षेत्र के ग्राम करही से होकर गुजरने वाली महानदी में रेत माफिया द्वारा महानदी का सीना चीरते हुए रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। वहीं खनिज विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि रेत माफियाओं को स्थानीय भाजपा नेताओं का संरक्षण है। यही वजह है कि वे अपनी पहुंच का फायदा उठा कर रेत का कारोबार कर रहे हैं।

महानदी में इन दिनों पानी की धार कम हो चुकी है। इसके चलते जगह-जगह रेत का टापू सा बन गया है। यह टापू रेत माफिया के लिए किसी वरदान से कम नजर नहीं आ रहा है। यहां तक इन्हीं टापुओं से रेत माफिया हाइवा व ट्रैक्टर से सैकड़ों ट्रिप रेत निकाल रहे हैं और करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। जिसे देखकर भी प्रशासन ने आंखें मूंद ली है। सरकार यदि इसमें रायल्टी जारी करती तो हर रोज लाखों का लाभ मिलता,सड़क पर रेत भरकर दौड़ता हाइवा और घाट में उत्खनन के लिए मशीन लेकिन सरकार ने रेत माफिया पर शिकंजा नहीं कस पा रही है। खासकर महानदी में सबसे ज्यादा रेत का उत्खनन हो रहा है।हर रोज पांच लाख का टर्न दिन में पांच लाख रुपये से अधिक की रेत निकाली जा रही है। प्रत्येक हाइवा के पीछे चार से पांच हजार रुपये लिया जा रहा है। एक दिन में सैकड़ों ट्रिप ट्रैक्टर व हाइवा निकाल कर।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी बंद नहीं हो रहा गोरखधंधा

ग्रामीणों द्वारा करही महानदी में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन को लेकर लगातार कलेक्टर, खनिज अधिकारी सहित तमाम अधिकारियों को शिकायत सौंपा गया है लेकिन अधिकारियों द्वारा नाम मात्र की कार्रवाई की जाती है। अधिकारी सुबह कार्रवाई करके जाते है और रेत माफिया शाम में दोबारा रेत का अवैध उत्खनन चालू कर देते है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेत माफिया और प्रशासन में मौसेरे भाई का संबंध है। ग्रामीणों ने बताया कि एक भाजपा नेता के संरक्षण में यहां रेत का अवैध उत्खनन कार्य चल रहा है वहीं नेता अधिकारियों में दबाव बना कर रेत माफियाओं को कार्रवाई से बचाता है।माफिया पांच से सात लाख रुपए का हर रोज कारोबार कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की प्रमुख वजह खनिज अफसरों से मिलीभगत होने का आरोप लगा रहे है।

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