रायपुर । सुप्रीम कोर्ट ने NIOS से डीएलएड किए 12 लाख प्रशिक्षित शिक्षकों को राहत देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि NIOS डीएलएड धारक सभी नए शिक्षक भर्तियों के लिए पूरी तरह से योग्य हैं।
इस जीत का श्रेय विश्वनाथ और उनकी टीम के साथ छत्तीसगढ़ के समर्पित शिक्षकों और उनके अद्वितीय संघर्ष को भी जाता है। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ से विस्वामित्र साहू, सर्वेश त्रिपाठी, अरविंद वर्मा, पवन पैकरा और अन्य सभी NIOS के साथियों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाई।
इन शिक्षकों ने न केवल कानूनी लड़ाई में आर्थिक सहयोग और समर्थन दिया, बल्कि पूरे देश के प्रशिक्षित शिक्षकों को संगठित करने में भी अहम योगदान दिया। यह जीत उनके दृढ़ संकल्प और एकजुटता का प्रतीक है।
NIOS डीएलएड धारकों को अब अपने करियर को नई ऊंचाई पर ले जाने और शिक्षण क्षेत्र में योगदान देने का मौका मिलेगा। यह निर्णय ना सिर्फ उनके लिए बल्कि आने वाले शिक्षकों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत साबित होगा।
इस ऐतिहासिक निर्णय से प्रेरित होकर शिक्षक समाज अब और मजबूत इरादों के साथ अपनी नई जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार है।