रायपुर – छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन एक खास अंदाज में शुरू हुआ। विधानसभा के बाहर पारंपरिक लोक धुनों पर पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा और चंद्रपुर के विधायक रामकुमार यादव ने लोक कलाकारों के साथ नृत्य कर माहौल को उत्सवमय बना दिया।
सत्र शुरू होने से पहले, विधानसभा भवन के बाहर लोक कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया। इन धुनों ने न केवल नेताओं बल्कि वहां मौजूद आम जनता और कर्मचारियों का भी ध्यान खींचा।
कवासी लखमा और रामकुमार यादव ने अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपरा का सम्मान करते हुए लोक कलाकारों के साथ थिरककर अपनी जड़ों से जुड़े होने का संदेश दिया। यह दृश्य विधानसभा के गंभीर माहौल से इतर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव प्रतीत हुआ।
इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने कहा, “हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। इसे जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है, और ऐसे आयोजनों से इसे प्रोत्साहन मिलता है।
चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव ने इस मौके पर कहा, हमारी लोक संस्कृति हमारी विरासत है। इसे संजोकर रखना और नई पीढ़ी को इसके महत्व से परिचित कराना बेहद जरूरी है। आज यहां नृत्य और संगीत के जरिए हमने अपनी जड़ों को महसूस किया और इसे साझा करने का अवसर मिला। यह पल छत्तीसगढ़ की अनमोल परंपराओं का जश्न है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे आयोजन न केवल संस्कृति को बढ़ावा देते हैं बल्कि समाज में एकजुटता और सामूहिक चेतना को भी मजबूत करते हैं।
विधानसभा सत्र की इस अनोखी शुरुआत ने न केवल लोक कलाकारों का उत्साह बढ़ाया बल्कि यह संदेश भी दिया कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में संस्कृति का भी विशेष स्थान है।