छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘सुकवा’ ने 10 जनवरी 2025 को रिलीज़ होते ही दर्शकों का दिल जीत लिया। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक मनोज वर्मा की यह पेशकश छत्तीसगढ़ी सिनेमा के स्तर को एक नई ऊंचाई पर ले जाती है।

दमदार कहानी और बेमिसाल कास्ट

फिल्म की कहानी अंधविश्वास, परंपराओं, और महिलाओं के संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है। लेकिन इस कहानी को पर्दे पर जीवंत बनाते हैं इसके शानदार कलाकार—गरिमा दिवाकर, दीक्षा जायसवाल, और मन कुरैशी।

गरिमा दिवाकर: हर सीन में जादू

फिल्म में परेतिन के किरदार में गरिमा दिवाकर ने ऐसा दमदार प्रदर्शन किया है कि आप उनकी हर हरकत में खो जाते हैं। गायन से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली गरिमा ने दिखा दिया कि उनके पास सिर्फ आवाज़ का ही नहीं, अदाकारी का भी जादू है। उनका किरदार फिल्म का दिल है।

दीक्षा जायसवाल: मासूमियत और ताकत का संगम

मोहिनी के किरदार में दीक्षा जायसवाल ने अपनी मासूमियत और अभिनय कौशल से दिल जीत लिया। उनका हर डायलॉग और उनकी बॉडी लैंग्वेज दर्शकों को कहानी से जोड़कर रखती है। उन्होंने साबित कर दिया कि वह छत्तीसगढ़ी सिनेमा का भविष्य हैं।

मन कुरैशी: सशक्त और प्रभावशाली

मन कुरैशी ने फिल्म में अपनी भूमिका को इतनी शिद्दत से निभाया है कि उनका हर सीन दिल पर गहरी छाप छोड़ता है। उनकी ऑन-स्क्रीन उपस्थिति और अभिनय क्षमता फिल्म को एक नया आयाम देती है। मन ने अपने किरदार में भावनात्मक गहराई और मजबूती को इतने बेहतरीन तरीके से उकेरा है कि दर्शक उनके किरदार के साथ जुड़ जाते हैं।

समीक्षकों की राय

फिल्म को समीक्षकों ने 4/5 स्टार दिए हैं और इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसकी कास्ट। गरिमा, दीक्षा और मन की तिकड़ी ने फिल्म को बेहतरीन बना दिया है। समीक्षक इसे “सामाजिक संदेश और भावनात्मक परफॉर्मेंस का संगम” कहते हैं।

क्यों देखें ‘सुकवा’?

  • गरिमा दिवाकर का दमदार और नया अवतार
  • दीक्षा जायसवाल की मासूमियत भरी शानदार परफॉर्मेंस
  • मन कुरैशी की सशक्त और भावनात्मक भूमिका
  • मनोज वर्मा का उत्कृष्ट निर्देशन

तो अगर आप छत्तीसगढ़ी सिनेमा के प्रशंसक हैं या समाजिक मुद्दों पर आधारित कहानियों को पसंद करते हैं, तो ‘सुकवा’ आपकी वॉचलिस्ट में सबसे ऊपर होनी चाहिए।
गरिमा, दीक्षा और मन की तिकड़ी ने इस फिल्म को यादगार बना दिया है।

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