सारंगढ़-बिलाईगढ़। बिलाईगढ़ विकासखंड के मुड़पार पंचायत में राशन कार्ड वितरण और प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ग्रामीणों से की जा रही अवैध वसूली की गंभीर शिकायतों के बावजूद, सरपंच और सचिव पर अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने नए राशन कार्ड बनाने के लिए ₹50 और आवास योजना के फॉर्म भरने के नाम पर ₹100 की अवैध मांग की, जबकि ये सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त होनी चाहिए। यह घोटाला तब और उजागर हुआ जब स्थानीय मीडिया ने इसे उठाया, लेकिन प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है।

कलेक्टर के सख्त निर्देश बेअसर
कलेक्टर धर्मेश साहू ने 28 अगस्त 2024 को अधिकारियों को राशन कार्ड वितरण में भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने फूड ऑफिसर को दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने और वसूली की राशि की कुर्की के आदेश दिए थे। लेकिन, इन निर्देशों का पालन अब तक नहीं हो सका है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासनिक तंत्र सरपंच-सचिव को बचाने में लगा है?

जांच प्रक्रिया में ढिलाई से ग्रामीणों में आक्रोश
जांच अधिकारी जब गांव पहुंचे तो भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले हितग्राहियों से मिलने के बजाय अन्य ग्रामीणों से पूछताछ की गई। शिकायतकर्ताओं को नजरअंदाज करना और सही ढंग से जांच न करना प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है। यहां तक कि मीडिया द्वारा उजागर वीडियो प्रमाण भी अधिकारियों के लिए पर्याप्त नहीं साबित हुए।

ग्रामीणों की उम्मीदें टूटी, प्रशासनिक चुप्पी पर गुस्सा
ग्रामीणों का कहना है कि कलेक्टर के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अब तक सरपंच और सचिव के खिलाफ कोई कदम न उठाना उनके अधिकारों का हनन है। प्रशासन की इस चुप्पी से ग्रामीणों का सरकार और न्याय प्रणाली से भरोसा उठता जा रहा है। कलेक्टर के आदेशों की अनदेखी करना यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है।

स्पष्टीकरण के बावजूद ठोस कार्रवाई नदारद
19 सितंबर 2024 को पंचायत सीईओ द्वारा सरपंच और सचिव को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इस मामले का कोई ठोस नतीजा अब तक सामने नहीं आया है।

मीडिया ने इस संबंध में जनपद पंचायत बिलाईगढ़ खाद्य अधिकारी से बात करने के बावजूद मामले को कर रहे है अंदेखा।

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