रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के सीएम के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय दिल्ली रवाना हो चुके हैं। यह बैठक न केवल नक्सल प्रभावित आठ राज्यों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
बैठक में छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एकजुट होकर नक्सलवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए विचार-विमर्श करेंगे। इस बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास के कार्यों को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन पर गहराई से चर्चा होगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति की राह में यह बैठक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एकसाथ मिलकर इस चुनौती का सामना करने का संकल्प लेंगे, जिससे वहां की जनता को बेहतर जीवन मिल सके। इस अवसर पर सभी को मिलकर न केवल नक्सलवाद से लड़ने, बल्कि उन इलाकों के विकास की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह बैठक एक नए सिरे से उम्मीद जगाती है कि आने वाले दिनों में नक्सल प्रभावित क्षेत्र फिर से विकास की ओर बढ़ेंगे।
नक्सल प्रभावित राज्यों की दिल्ली में होने वाली बैठक में सरकार की ओर से एक सकारात्मक संदेश दिया गया है कि पीएम मोदी की सरकार के कार्यकाल में नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। माओवादी हिंसा में 72 प्रतिशत की कमी और 2010 की तुलना में 2023 में नक्सली हिंसा में हुई मौतों में 86 प्रतिशत की कमी एक मजबूत संकेत है कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
इस बैठक में न केवल नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई के अंतिम चरण की चर्चा होगी, बल्कि नक्सल प्रभावित राज्यों को विकास सहायता देने वाले मंत्रालयों के पांच केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति से इस मुद्दे की गंभीरता और बढ़ जाती है। उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय, राज्य और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारियों का शामिल होना भी इस बात का प्रमाण है कि सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रही है।
4 अप्रैल को अबूझमाड़ में मारे गए 31 नक्सलियों की घटना ने सुरक्षा बलों के हौसले को ऊंचा किया है। यह छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन के बाद आया है, जिसने न केवल सुरक्षा बलों में आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि उन लोगों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो नक्सलवाद के प्रभाव से प्रभावित हैं।
इस बैठक में सुरक्षा बलों की इस सफलता पर भी चर्चा होगी, जो हमें एक नई दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। सभी का यह संकल्प होना चाहिए कि हम मिलकर नक्सलवाद को खत्म करेंगे और उन इलाकों में शांति और विकास की स्थापना करेंगे। यह बैठक उन परिवारों के लिए भी उम्मीद जगाती है जो लंबे समय से इस हिंसा का सामना कर रहे हैं।