दिल्ली में शनिवार को मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण होगा. मनोनित मुख्यमंत्री आतिशी शाम तकरीबन 4:30 बजे सीएम पद की शपथ लेंगीं, सूत्रों के मुताबिक, उनके साथ 5 मंत्री भी शपथ लेंगे. आतिशी के मंत्रिमंडल में गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल होंगे. दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

केजरीवाल की ओर से इस्तीफा देने के ऐलान के बाद विधायक दल की बैठक हुई जिसमें आतिशी के नाम पर मुहर लगी. आतिशी पिछली केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं. अब शनिवार को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगी. सूत्रों के मुताबिक, शपथ ग्रहण को लेकर उपराज्यपाल ऑफिस में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं.

आतिशी के पास रहे हैं सबसे ज्यादा मंत्रालय

आतिशी को केजरीवाल का सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है. अन्ना आंदोलन के समय से ही वो केजरीवाल के साथ हैं. सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय भी उन्हीं के पास थे और केजरीवाल के जेल जाने के बाद से वो पार्टी और सरकार से जुड़े अधिकतर मुद्दों पर मुखर भी रही हैं. मंत्री बनने से पहले आतिशी शिक्षा के लिए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं.

2020 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुईं

आतिशी दिल्ली के 2020 के विधानसभा चुनाव पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थीं. इसके बाद 2023 में केजरीवाल ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया. 2020 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. उन्होंने इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार धर्मवीर सिंह हराया था.

तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी. इससे पहले बीजेपी की दिवंगत और दिग्गज नेता सुषमा स्वराज, कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. सुषमा स्वराज का कार्यकाल बहुत छोटा था जबकि शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. अब दिल्ली की कमान आतिशी को मिलने जा रही है. वहीं, मंत्रिमंडल में जो चेहर शामिल होंगे उसमें ज्यादातर पुराने चेहरे हैं जो कि पहले मंत्री रह चुके हैं. मुकेश अहलावत पहली बार मंत्री पद की शपथ लेंगे.

केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से इसी साल नवंबर में ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि नवंबर में ही महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में दोनों राज्यों के साथ ही चुनाव कराने की गुजारिश की है.

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