छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। एक “युवा राज्य” के रूप में अब यह समय आत्ममंथन का है — कि इन पच्चीस वर्षों में हमने क्या पाया और क्या खोया। प्राकृतिक संपदाओं, सांस्कृतिक धरोहरों और सरल जनता से समृद्ध यह प्रदेश राजनीतिक रूप से अब उस मुकाम पर है जहाँ