केंद्र सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित अन्य प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों पर लगाए जाने वाले टैरिफ की घोषणाओं की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है. सूत्रों ने बताया कि यह कंट्रोल रूम भारतीय समयानुसार रात 1.30 बजे से कार्य करना शुरू करेगा, ताकि अमेरिकी घोषणाओं के तुरंत बाद भारत सरकार का प्रतिक्रिया तंत्र सक्रिय हो सके.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगे और वह इन घोषणाओं पर कड़ी निगरानी रखेंगे. इस कदम से सरकार को अमेरिकी शुल्कों के संभावित प्रभावों का आकलन करने और त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

ट्रंप अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस बता रहे हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि गुरुवार को होने वाली शुल्क घोषणाएं अमेरिका के लिए ‘मुक्ति दिवस’ साबित होंगी. ट्रंप का यह बयान संकेत करता है कि वह वैश्विक व्यापार में अपनी नीति को सख्त करने जा रहे हैं. ट्रंप ने जब से अमेरिका की कमान संभाली है तब से पूरी दुनिया में आर्थिक उथल-पुथल मची हुई है. कई जंग को लेकर बयान देकर हलचल पैदा कर देते हैं तो कभी टैरिफ को लेकर साझेदार देशों को टेंशन बढ़ा देते हैं.

वाणिज्य मंत्रालय ने इस निर्णय के संभावित परिणामों का आकलन करने के लिए चार संभावित परिदृश्यों पर काम शुरू किया है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये शुल्क कितने और किस प्रकार के होंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के फैसले से भारत और अन्य देशों के व्यापारिक रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है. सरकार ने इस मामले में हर स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है, ताकि व्यापार में कोई भी प्रतिकूल प्रभाव न पड़े.

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है

घरेलू उद्योग और निर्यातकों ने भारत के निर्यात पर अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ के संभावित प्रभाव पर चिंता जताई है क्योंकि शुल्क वैश्विक बाजारों में वस्तुओं को प्रतिस्पर्धा से दूर कर सकते हैं. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. हालांकि वे उम्मीद जता रहे हैं कि चूंकि दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका टैरिफ के मामले में भारत के प्रति अलग दृष्टिकोण अपना सकता है.

द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर जोर

भारत और अमेरिका 2025 सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं. दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 190 बिलियन अमरीकी डॉलर से दोगुना करके 500 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा है. यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) की राष्ट्रीय व्यापार अनुमान (एनटीई) रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत कृषि वस्तुओं, दवा निर्माण और मादक पेय पदार्थों जैसे कई अमेरिकी सामानों पर उच्च आयात शुल्क लगाता है, साथ ही गैर-टैरिफ बाधाएं भी लगाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Have Missed
Back