जांजगीर-चांपा। खनिज कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जिले में केवल पांच रेत घाट (घुठिया, लछनपुर, बरबसपुर, चांपा, नवागांव) को ही वैध घोषित किया गया है, वहीं हसदेव नदी के केवा और भादा घाटों पर अवैध रेत उत्खनन का खेल खुलेआम जारी है। खनिज विभाग की कार्रवाई से बचते हुए रेत माफिया जेसीबी और दर्जनभर ट्रैक्टरों की मदद से नदी से रेत निकाल रहे हैं और जगह-जगह डंप कर रहे हैं।

रेत माफिया बेखौफ, प्रशासन मौन

रेत माफियाओं द्वारा रात के अंधेरे में और तड़के सुबह बड़ी मात्रा में रेत की सप्लाई की जा रही है। 8 दिसंबर को जब हमारी टीम मौके पर पहुंची तो दो-तीन जेसीबी और दर्जन भर ट्रैक्टर नदी में रेत लोड करते पकड़े गए। जैसे ही कैमरे से वीडियो शूटिंग शुरू हुई, माफिया के लोग जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर भाग खड़े हुए।

खनिज अफसरों की भूमिका संदिग्ध

प्रश्न उठता है कि जब खनिज विभाग अन्य रेत माफियाओं पर कार्रवाई कर रहा है, तो केवा-भादा घाटों के माफियाओं को अभयदान क्यों दिया गया है? क्या खनिज अफसरों की इस चुप्पी के पीछे व्यक्तिगत लाभ छिपा है, या फिर विभाग की मिलीभगत?

जनता की मांग कार्रवाई हो पारदर्शी

खनिज अफसरों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जिला प्रशासन से केवा, भादा गांव के लोग मांग कर रहे है कि रेत माफियाओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए। अब देखना होगा कि प्रशासन कब और कैसे इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back