पुलिस अधीक्षक सुश्री अंकिता शर्मा ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने तत्काल 05
टीमो का किया गठन

गठित टीमों द्वारा अलग अलग पहलुओं/दिशाओं में त्वरित कार्यवाही कर 04 आरोपियों
को किया गिरफ्तार

सक्ती/हसौद। मामले का संछिप विवरण इस प्रकार है की 09.11.2024 को सूचनाकर्ता हीरालाल मधुकर ग्राम धमनी थाना हसौद के द्वारा सूचना दर्ज करायी गयी कि इसकी बुआ मृतिका मंगली बाई मित्तल उग्र करीबन 70 वर्ष अपने घर में अकेले रहती थी। दिनांक 09.11.2024 को करीबन 06.00 बजे सुबह मंगली बाई की हत्या हो जाने की सूचना मिली उसके घर जाकर देखने पर मंगली बाई अपने घर के अंदर जमीन पर मृत अवस्था में पड़ी थी। संभवतः किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मंगली बाई की हत्या की गयी है। सूचक की रिपोर्ट पर थाना हसौद में मर्ग क्र. 33/2024 धारा 194 बी. एन. एस. एस. पंजीबद्ध कर घटना स्थल पर पहुंचकर एफ.एस.एल. फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ एवं डॉग स्क्वाड की टीम के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बारीकी से घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। मृतिका के शव का पी. एम. कराया गया। शार्ट पी. एम. रिपोर्ट में पी. एम. कर्ता चिकित्साधिकारी द्वारा मृतिका मंगली बाई का दम घुटने के कारण मृत्यु होना लेख किया गया है।परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं शार्ट पी. एम. रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात आरोपी द्वारा मृतिका मंगली बाई की प्रथम दृष्टया हत्या करना पाये जाने से अपराध क्रमांक 147/ 2024 धारा 103 (1) 332 (क), 309 (4) 61 (2) (क), 317 (5) 3 (5) बी. एन. एस. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुये सुश्री अंकिता शर्मा पुलिस अधीक्षक सक्ती के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सक्ती सुश्री रमा पटेल, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चन्द्रपुर (डभरा), श्रीमती अंजली गुप्ता, मौके पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक सुश्री अंकिता शर्मा द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चन्द्रपुर के नेतृत्व में 05 टीम गठित की गयी टीमों द्वारा घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर घटना स्थल के आसपास सीसीटीव्ही फुटेज का अवलोकन एवं घटना स्थल के आसपास के लोगों तथा मृतिका के परिजनों से लगातार पूछताछ कर साक्ष्य
एकत्रित करते हुये संदेहियों से कड़ाई से पूछताछ किया गया एवं तकनीकी साक्ष्यों की मदद से आरोपियों की पतासाजी की गयी आरोपीगण विकास मधुकर समीर रात्रे, सुभाष खुंटे एवं प्रहलाद श्रीवास के द्वारा घर में घुसकर मंगली बाई की हत्या एवं लूटपाट करना स्वीकार किये। जिनसे लूट की गयी रकम मृतिका के पहने जेवर घर की अलमारी में रखे जेवर, मृतिका का टूटा मोबाईल, आरोपीगणों की स्कूटी आदि जप्त कर आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों का नाम-01. विकास मधुकर पिता प्रेमलाल मधुकर उम्र 20 साल ग्राम धमनी थाना हसौद जिला सक्ती। 02. सुभाष कुमार खूंटे उर्फ राकी पिता मोहरसाय खूंटे उम्र 20 साल ग्राम धमनी थाना हसौद जिला सक्ती। 03. समीर रात्रे पिता पदमन रात्रे उम्र 20 साल ग्राम हसौद थाना हसौद जिला सक्ती।04. प्रहलाद श्रीवास पिता दुलार साय श्रीवास उम्र 19 साल ग्राम हसौद थाना हसौद जिला सक्ती ।प्रकरण की विवेचना पर पाया गया कि मृतिका मंगली बाई के पति हेमलाल मित्तल एस.एई.सी.एल. राजनगर मनेन्द्रगढ़ में नौकरी करते थे तथा 10 वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त होने के बाद ग्राम घमनी में रहते थे। मंगली बाई एवं हेमलाल के कोई बच्चे नही थे करीबन 03 वर्ष पूर्व हेमलाल के निधन होने के बाद से मंगली बाई अकेली घर में रहती थी उसे प्रतिमाह पेंशन मिलता था जिससे वह पैसा व जेवर घर में रखती थी। मृतिका मंगली बाई ग्राम धमनी निवासी आरोपी विकास मधुकर के रिश्ते में दादी लगती थी। विकास मधुकर का मंगली बाई के घर आना जाना था तथा उसे जानकारी थी कि मंगली बाई पैसा व जेवर घर में रखी है। करीबन 03 दिन पहले वह मंगली बाई के घर गया था तो देखा बैंक से काफी पैसा निकालकर घर मे लाकर रखी थी। पैसे के लालच के कारण पैसा व जेवर लूटने का प्लान बनाया। उसके बाद विकास मधुकर अपनी ओप्पो कंपनी के मोबाईल को बी.एम.एस.
मोबाईल दुकान हसौद मे 04 हजार रू मे बेचकर समीर के खाते में पैसा डलवाया। दिनांक 08.11.2024 को शराब खरीदकर समीर रात्रे को साथ लेकर धमनी के पास से ठेला से डिस्पोजल गिलास, पानी पाउच व खाने का सामान लेकर धमनी बाजार मैदान गये। वहां पर विकास मधुकर, सुभाष खुंटे मिलकर शराब पीये समीर रात्रे उनके साथ मे खा रहा था। इसी दौरान विकास मधुकर अपने दादी मंगली बाई के पास काफी पैसा होने की बात दोनो को बताया फिर तीनों मिलकर पैसा लूटने की योजना बनाये। रात करीबन 08.00 बजे योजना के अनुसार समीर रात्रे पहरेदारी के लिए रोड तरफ गया। विकास मधुकर और सुभाष खुंटे दोनो पीछे के दरवाजे में जाकर मंगली बाई को आवाज देकर दरवाजा खुलवाये फिर दरवाजा खोलने पर अंदर गये विकास मधुकर अपने दादी से आचार मांगा और खाया फिर योजना के अनुसार विकास मधुकर मृतिका मंगली बाई के नाक मुंह को मारने की नीयत से अपने हाथ से दबा दिया और सुभाष खुंटे पीछे से दोनो हाथो से मंगली बाई के गर्दन को दबाया जिससे मंगली बाई जमीन पर गिर गई। सुभाष खुंटे गर्दन को दबाये रखा, विकास मधुकर उसके हाथ को पकड़कर रखा था। कुछ देर छटपटाने के बाद मंगली बाई मर गई फिर मंगली बाई के गले मे पहने सोने की माला को विकास मधुकर खींचा जो टूटकर वहीं विखर गया जिसे विकास मधुकर उठाकर अपने पास रखा फिर दोनो आलमारी को चाबी से खोलकर उसमे रखे पैसे, मतदाता पहचान पत्र, पासबुक, आधार कार्ड, गैस कनेक्शन कार्ड व राशन कार्ड को रख लिये और समीर को बुलाकर तीनों पीछे के रास्ते से भाग गये विकास मधुकर समीर को 05 हजार रूपया व मंगली बाई का राशन कार्ड, सुभाष खुंटे को 7 हजार 06 सौ रुपया व मंगली बाई का एच पी का गैस कनेक्शन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र दिया और विकास मधुकर स्वयं 13 हजार 06 सौ रूपया तथा मंगली बाई का फोटो लगा एसबीआई का पास बुक एवं आधार कार्ड को अपने पास रख लिया। उसके बाद विकास मधुकर, समीर रात्रे को बोलकर केशर चन्द्रा के पास गिरवी रखे अपने स्कूटी को मंगवाया फिर तीनो स्कूटी में पिरदा मेला घूमने गये वहां 5 हजार रूपये को विकास मधुकर और उसके साथी मिलकर खर्च कर दिये। रात्रि करीबन 02.00 बजे वापस आकर स्कूटी को समीर के हांथ केशर चन्द्रा के पास वापस भेजवा दिया। अगले दिन सुबह करीबन 10.00 बजे अपने दोस्त प्रहलाद श्रीवास निवासी हसौद को मंगली बाई के गले से लूटा हुआ सोने का माला ( फदक 13 नग 06 नग गेंहू दाना, 01 नग स्टोन लगा सोने का छोटा लॉकेट, 01 नग टूटा हुआ सोने का (लटकन) को देकर घटना के बारे बताये तथा बाद में सोने के माला को बेंचकर पैसा को आपस में बांट लेंगे बोले थे। प्रकरण के आरोपीगण से लूट की गयी रकम, मृतिका के जेवर घर की अलमारी में रखे जेवर, मृतिका का टूटा मोबाईल, स्कूटी बरामद किया जाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में निरीक्षक विन्टन साहू थाना प्रभारी हसौद एवं समस्त स्टाफ, निरीक्षक प्रवीण राजपूत थाना प्रभारी डभरा, निरीक्षक अमित सिंह, प्रभारी सायबर सेल सक्ती, निरीक्षक कमलकिशोर महतो थाना प्रभारी यायायात, उप निरीक्षक अनवर अली थाना प्रभारी बाराद्वार उप निरीक्षक कमल मौरीषा चौकी प्रभारी फगुरम, सउनि जन्मेजय वर्मा थाना हसौद प्रधान आरक्षक प्रेमनारायण राठौर, आरक्षक गोपाल साहू सायबर रोल सक्ती, आरक्षक योगेश राठौर थाना बाराद्वार, आरक्षक मानसिंह कुर्रे थाना डभरा तथा आरक्षक जयदेव साहू चौकी फगुरम का योगदान रहा।

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