डोलकुमार निषाद

सक्ती, डभरा:
जनपद पंचायत डभरा अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़े कटेकोनी में विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार और जनप्रतिनिधियों की दबंगई का मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत में 14वें और 15वें वित्त आयोग की राशि से कराए गए कार्यों का कोई धरातलीय अस्तित्व नहीं है, जबकि संबंधित कार्यों का इस्टीमेट, मूल्यांकन और सत्यापन तक नहीं कराया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि शासन की राशि का फर्जीवाड़ा कर भारी अनियमितता की गई है।

ग्रामीणों द्वारा जब इस पूरे प्रकरण की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी डभरा से लेकर जिला कलेक्टर सक्ती तक की गई, तो उन्हें धमकी और हिंसा का सामना करना पड़ा।
सरपंच पति ने खुलेआम कहा —

“मेरे पंचायत के खिलाफ शिकायत करोगे तो घर घुसकर मारूँगा।”
“जाओ जहाँ शिकायत करना है कर लो, पैसा नहीं मिलेगा। मैं अफसरों को मक्खन-मलाई खिलाकर खुश रखता हूँ।”

हितग्राहियों को नहीं मिली शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि

गांव के कई शौचालय निर्माण हितग्राही आज भी ₹12,000 की प्रोत्साहन राशि से वंचित हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायत की, लेकिन आज तक न कोई जाँच हुई, न ही उन्हें उनका हक मिला। पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा उन्हें अपमानित किया जाता है और शिकायत करने पर धमकियाँ दी जाती हैं।

शिकायतकर्ताओं से की गई मारपीट, एफआईआर दर्ज

इतना ही नहीं, कुछ शिकायतकर्ताओं से गाँव में मारपीट भी की गई, जिसकी एफआईआर डभरा थाने में दर्ज कराई गई है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरपंच पति पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।

जनप्रतिनिधि की जगह दागदार छवि वाले ‘प्रतिनिधि पति’ कर रहे संचालन

यह मामला ग्राम पंचायतों में वास्तविक सत्ता संचालन पर भी सवाल खड़ा करता है, जहाँ चुनी हुई महिला सरपंचों की जगह उनके पति पंचायत की सत्ता चला रहे हैं, और उन्हें राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है।

जनता की माँग: निष्पक्ष भौतिक सत्यापन और सख्त कार्रवाई

गाँव के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से माँग की है कि:

पंचायत में हुए सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए।

14वें व 15वें वित्त की राशि में हुए घोटाले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जाँच हो।

हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि तत्काल दिलाई जाए।

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